By Anushka Yadav
Nov 01, 2023
1 नवम्बर को हरियाणा दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन 1966 में हरियाणा और पंजाब के बीच क्षेत्रों का विभाजन हुआ था. क्षेत्रों के साथ साथ हरियाणा की अपनी संस्कृति और खानपान की भी महिमा अद्वितीय है. आइए जानते हैं यहाँ के कुछ पारंपरिक खानपान के बारे में-
सिंगरी को अन्य बोलियों में सहजन या मोरिंगा भी कहते हैं. हरियाणा में सिंगरी और आलू की सब्ज़ी बड़े चाव से खाई जाती है.
कचरी की चटनी कचरी नाम की सब्ज़ी से बनती है जिसमें प्याज़, लहसुन और अदरक को पीस कर मिलाया जाता है.
बाजरा आलू रोटी आलू के पराठे जैसी होती है जिसमें गेंहू की जगह बाजरे का आटा होता है और यह पराठे की तरह नहीं बल्कि रोटी की तरह बिना चिकनई के सेंकी जाती है. भरावन में आलू की पिट्ठी होती है.
जैसा कि नाम से ज़ाहिर है, बेसन मसाला रोटी बेसन से बनती है जिसमें गेंहू का आटा और स्वाद के लिए मसाले मिले होते हैं. इसे चटनी या सब्ज़ी के साथ परोसा जाता है.
गेंहू के आटे में अलसी के दाने मिला कर यह लड्डूनुमा मिठाई बनाई जाती है. इसमें मीठे के लिए चीनी या गुड़ के अलावा ढेर सारा मावा और घी डाला जाता है.